आज हम आपसे बॉलीवुड फिल्मी दुनिया की मशहूर हस्ती अनुपम खेर के बारे में बात करने जा रहे हैं. बॉलीवुड के मशहूर कलाकार अनुपम खेर ने अपनी अदाकारी से एक से बढ़कर एक फिल्में की और लोगों का काफी मनोरंजन किया। अनुपम खेर ने फिल्मों में सकारात्मक से लेकर नकारात्मक सभी प्रकार के किरदार निभाए। हर किरदार को अनुपम खेर बहुत ही उम्दा तरीके से निभाते थे और लोगों के दिलों पर छा जाते थे।
अनुपम खेर ने बॉलीवुड फिल्मी दुनिया में 500 से भी अधिक फिल्मों में अभिनय किया. विलेन से लेकर कॉमेडीयन तक .अपनी मेहनत और संघर्ष से अनुपम ने नाम ,दौलत और शौहरत सब कमा लिया ,लेकिन पैसे से सब चीज़े नही खरीद सकते कुछ चीज़े किस्मत से मिलती है . पर्दे पर सबका मनोरंजन करने वाले कलाकारो का निजी जीवन कैसा है ये बस वो ही जानते है .सबको इतना हंसाने वाला इन्सान अपने जीवन में कितना दुखी है .
लेकिन अनुपम खेर और किरण खेर की जिंदगी में एक कमी हमें कह रही कि उनकी खुद की कोई औलाद नहीं है उनके एक बेटा है जिसका नाम सिकंदर है लेकिन वह बेटा किरण खेर और उनके पहले पति से है. आपको बता दें एक्टर अनुपम खेर और उनकी पत्नी किरण से दोनों ही का दूसरा विवाह है.
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वैसे तो अनुपम और किरण की यह दूसरी शादी है, अनुपम की पहली शादी 1985 में शिमला में हुई लेकिन अनुपम इस शादी से कभी भी खुश नहीं थे उन्होंने 1985 में अपनी पत्नी को त’लाक दे दिया और उसी समय किरण से उनकी मुलाक़ात हुई। किरण भी उस समय शादीशुदा थी और उनके एक बच्चा था जिसका नाम सिकंदर था। किरण की पहली शादी 1981 में हुई और 1982 में उन्होंने सिकन्दर को जन्म दिया।अनुपम खेर से मुलाक़ात के बाद दोनों में प्रेम बढ़ा और दोनों ने शादी करने का मन बनाया और अपने पार्टनर से अलग होकर दोनों ने शादी कर ली। दोनों की जिंदगी काफी अच्छी चल रही थी।
शादी होने के बाद अनुपम खेर और किरण खेर को दूसरी कोई संतान नहीं हुई। हाला की संतान प्राप्ति के लिए दोनों ने कई बार बड़े-बड़े डॉक्टरों से ट्रीटमेंट करवाया परंतु उनकी गोद खाली ही रही। अनुपम खेर ने बताया कि किरण का बेटा सिकंदर उन्हें बहुत इज्जत देता है और अपने सगे पिता समान ही मानता है। परंतु अनुपम खेर का मानना है कि भगवान की मर्जी के खिलाफ और उसकी मर्जी के सिवा कुछ नहीं हो सकता इसलिए उन्हें इस बात का बिल्कुल भी अफसोस नहीं रहता कि उन्हें दूसरी कोई संतान नहीं हुई।
अनुपम खेर ने किरण के पहले पति से बच्चे यानि सिकन्दर को अपना नाम दिया और उसे भी अपना लिया। लेकिन कहते है ना की अपना खून तो अपना होता है। किरण और अनुपम दोनों अपने बच्चे की कोशिश करने लगे लेकिन किरण बच्चे को कंसीव नहीं कर पा रही थी। काफी सालों तक कोशिश करने के बाद डॉक्टर से भी सलाह ली और ट्रीटमेंट भी लिया लेकिन इनकी खुद की सन्तान का सपना पूरा नहीं हुआ।
अनुपम कहते है की सिकन्दर उन्हें पिता की तरह ही इज्जत देता है, वह हमेशा उनकी कदर करता है लेकिन हमें हमेशा गिल्ट रहता है की अगर हमारी कोई सन्तान होती तो वह सिकन्दर की बहन या छोटा भाई होता। लेकिन ईश्वर को जो मंजूर होता है वही होता है। इसलिए अब हम बच्चे के बारें में नहीं सोचते है। हम अपने जीवन में काफी आगे बढ़ गये है और अब हमें शायद बच्चे की जरूरत भी नही है। किरण और उनका रिश्ता काफी मजबूत है यही वजह है की अपनी सन्तान नहीं होने के कारण भी हम एक-साथ है।